नई दिल्ली: लोकसभा सांसद और भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि पार्टी अपनी उपलब्धियों और सुधारवादी कदमों के आधार पर दिल्ली के नगर निगमों के आगामी चुनाव लड़ेगी. तिवारी ने कहा, 'हम अपनी उपलब्धियों और अपने सुधारवादी कदमों के आधार पर चुनाव लड़ेंगे. इससे लोगों को खुद ही पता चल जाएगा कि आम आदमी पार्टी (आप) किस तरह नाकाम रही है. 'आप' देश में कहीं कोई जिम्मेदारी लेने लायक नहीं है. हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो काम किया है उसी आधार पर कांग्रेस की भी सच्चाई लोगों को बताएंगे.' पूर्वोत्तर दिल्ली से लोकसभा सांसद ने कहा, 'हम लोगों को बताएंगे कि 'आप' और कांग्रेस की नीयत ही नहीं है कि वे जनता के लिए काम करें.
'आप' एक नई सोच के साथ आई थी. सबकी आशा जगी थी, पर आज कांग्रेस और 'आप' एक ही थैली के चट्टे-बट्टे साबित हुए.' दिल्ली के मुख्यमंत्री और 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला करते हुए तिवारी ने कहा, 'केजरीवाल ऐसे शख्स साबित हुए हैं जो गंदी राजनीति करते हैं. उन्होंने खुद के लिए 'अराजकतावादी' शब्द का इस्तेमाल किया था. ऐसा उन्होंने अपने कामों से साबित भी कर दिया. दिल्ली की जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और वह अपनी कैबिनेट और अपने विधायकों के साथ दिल्ली से बाहर हैं. केजरीवाल अब तक के सबसे असफल ही नहीं बल्कि गैर-कानूनी चीजों को शह देने वाले मुख्यमंत्री बने हैं.' उन्होंने कहा, 'मैं झुग्गियों और देहात में दिन बिता रहा हूं. 14-14 घंटे दे रहा हूं ताकि उनके दुख-दर्द को ठीक से समझ सकूं. दिल्ली के लोग आपस में पानी के लिए सिर-फुटौव्वल कर रहे हैं. पानी है ही नहीं और केजरीवाल कहते हैं कि पानी माफ किया.' दिल्ली के तीनों नगर निगमों के लिए इस साल अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है.
हाल में अपने एक वीडियो पर पैदा हुए विवाद पर तिवारी ने कहा, 'जब मैंने झुग्ग्यिों की समस्याएं उजागर करनी शुरू की, तो इसे दबाने के लिए केजरीवाल ने मेरा एक वीडियो वायरल किया' मुझे समझ नहीं आया कि इसमें गलत क्या था'. वायरल हुए वीडियो में तिवारी नोटबंदी के कारण समस्याओं का सामना कर रहे लोगों से जुड़ी विवादित टिप्पणी करते दिखे थे.' भोजपुरी के मशहूर गायक-अभिनेता तिवारी ने हाल में भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की थी.
बहरहाल, उनकी इस मांग का हिंदी के 100 से अधिक शिक्षकों और लेखकों ने विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया. पत्र में इन शिक्षकों-लेखकों ने दलील दी है कि भोजपुरी, राजस्थानी, अवधी जैसी हिंदी की बोलियों को 8वीं अनुसूची में शामिल करने से उन्हें अलग भाषा का दर्जा मिल जाएगा और इससे हिंदी भाषियों की संख्या आधिकारिक तौर पर कम होगी. उनका तर्क है कि हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला ही इसलिए है क्योंकि इसे बोलने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है.
शिक्षकों-लेखकों के विरोध पर तिवारी ने कहा, 'ऐसे लोगों के कारण ही अब तक भोजपुरी को सम्मान नहीं मिला. जब भोजपुरी फिल्म के किसी अभिनेता-गायक को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता या गायक का खिताब नहीं मिलता, तब इसका दर्द ऐसे लोगों को पता नहीं चलता. इसकी खुशी क्या होती है, ये किसी बांग्ला भाषी और उड़िया भाषी से पूछिए. भोजपुरी चार देशों में पहले से मान्यता प्राप्त भाषा है, लेकिन अपने ही देश में उपेक्षित है.' फिल्मों मे कम सक्रियता के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा, 'समय नहीं मिल पाता है. लेकिन मैं पूरी कोशिश में हूं 2017 में मेरी एक फिल्म आए जिसकी कहानी झुग्गी-झोपड़ी और अकर्मण्य सरकार के बीच पनपती प्रेम पर आधारित होगी.'