दिल्ली में सरकार चलाने से जुड़ी शक्तियों को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी की सरकार में खुशी का माहौल है, तो वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष के मनोज तिवारी ने इसे केजरीवाल सरकार के लिए तमाचा करार दिया है. मनोज तिवारी ने NEWS18 हिन्दी से बातचीत में कहा, 'दिल्ली में अराजकता नहीं चलेगी. यहां संसद का कानून ही सर्वोच्च है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया ही नहीं जा सकता. कोर्ट का यह फैसला केजरीवाल सरकार के लिए तमाचा है.'
तिवारी ने कहा, 'केजरीवाल सरकार संविधान विरोधी है. यह फैसला उनके लिए तमाचे के समान है, क्योंकि वह अराजकता फैलाकर, संविधान को नहीं मानकर बवाल मचाए हुए थे.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर संसद को सर्वोच्च मानकर फैसले लिए जाएंगे, तभी सरकार अपना फैसला ले सकेगी. उपराज्यपाल ने कानून के दायरे में लिए गए किसी भी फैसले को नहीं रोका है.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने कहा, 'एलजी ने सिर्फ वही फैसले रोके थे, जहां अरविंद केजरीवाल सरकार ने उसे प्राइवेट लिमिटेड बनाने की कोशिश की थी. देश का कोई भी व्यक्ति संविधान से ऊपर जाकर प्राइवेट लिमिटेड नहीं हो सकता.'
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद उपराज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच विवाद खत्म होने की बात से मनोज तिवारी सहमत नहीं. तिवारी ने कहा, एलजी और सरकार के बीच लगातार चल रहा विवाद खत्म नहीं होगा, क्योंकि अरविंद केजरीवाल संविधान सम्मत प्राणी ही नहीं हैं. अरविंद केजरीवाल गैर संवैधानिक है और सुप्रीम कोर्ट ने आज उन्हें आईना दिखाया है.'
मनोज तिवारी ने साथ ही कहा, 'संसद का कानून सर्वोच्च है और आज सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता, इसलिए अरविंद केजरीवाल को अब पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग पर नौटंकी करना बंद कर देना चाहिए.
इस मामले पर दिल्ली कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि अब उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोप-प्रत्यारोप बंद कर राष्ट्रीय राजधानी के विकास पर ध्यान देना चाहिए. माकन ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में शक्तियों की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. अब हम आशा करते हैं कि दिल्ली में कांग्रेस के सत्ता के बाहर होने के बाद से जो विकास कार्य रुका हुआ था वह आगे बढ़ सकेगा.' उन्होंने कहा, 'उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री आरोप-प्रत्यारोप का खेल बंद करें और दिल्ली का विकास करें जैसे कि हमने 15 वर्षों तक किया था.'
वहीं दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने संवाददाताओं से कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है कि वो बिल्कुल साफ है. अगर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल साथ काम नहीं करेंगे तो समस्याएं आएंगी. कांग्रेस ने 15 सालों तक काम किया, लेकिन कोई समस्या नहीं आई.'
बता दें कि दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता की रस्साकशी पर एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल को स्वतंत्र फैसला लेने का अधिकार नहीं है और उन्हें मंत्रिपरिषद की मदद और सलाह पर काम करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश दिल्ली सरकार ने खुशी जाहिर की है. केजरीवाल सरकार में सोशल वेलफेयर मिनिस्टर राजेंद्र पाल गौतम ने NEWS 18 से खास बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से दिल्ली की जनता और दिल्ली सरकार बेहद खुश है. उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी ने स्वागत किया है. पार्टी ऑफिस में इसे लेकर जश्न का माहौल है.'
वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की टिप्पणी को लेकर सवाल पर गौतम कहते हैं, 'बीजेपी कुछ भी कहे, लेकिन यह केजरीवाल सरकार की बड़ी जीत है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि चुनी हुई सरकार को एलजी के माध्यम से पैरालाइज़ करने की कोशिश की गई थी. अब LG दिल्ली सरकार के काम में बाधा नहीं डाल सकेंगे.'
गौतम ने साथ ही कहा कि आज का फैसला कानून की, जनता की और दिल्ली सरकार की बड़ी जीत है. दिल्ली की जनता ने जिस उम्मीद के साथ केजरीवाल सरकार को चुना था, वह उम्मीदें पूरी की जा सकेंगी. डोर स्टेप डिलीवरी, सीसीटीवी कैमरा लगाने जैसी तमाम सुविधाओं पर सरकार काम कर सकेगी.
वहीं अधिकारियों के तबादले के सवाल पर राजेंद्र पाल गौतम ने कहा कि फिलहाल अभी ऐसी कोई बात हुई नहीं है. हालांकि उन्होंने ब्यूरोक्रेसी में फेरबदल को आम बात करार दिया है. उन्होंने कहा, फेरबदल तबादले एक प्रोसेस हैं, किसकी कहां ज्यादा जरूरत है यह सरकार तय करेगी.'