साफ नीयत, सही विकास

" Saaf Niyat Sahi Vikas - 48 Months of Transforming India"

कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल भले ही आज हमारी जरुरत है और इसमें सबकुछ पढ़ा जा सकता है और वीडियोज़ में सब कुछ देखा जा सकता है। पर "पुस्तक" का एहसास इनमे से कोई नहीं दे सकता।

Saturday, April 23, 2016

कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल भले ही आज हमारी जरुरत है और इसमें सबकुछ पढ़ा जा सकता है और वीडियोज़ में सब कुछ देखा जा सकता है।
पर "पुस्तक" का एहसास इनमे से कोई नहीं दे सकता। वो सौंधी सी नए पन्नों की महक हो, पन्ने पलटने की वो आवाज़ हो, या हमारी कल्पना से बनी एक नै दुनिया, पुस्तकों के अलावा ये कहीं संभव नहीं।

लेकिन दुर्भाग्यवश आजकल के कई बच्चें इस एहसास से वंचित हैं, किताबों को पढने का आनंद आज की युवा पीड़ी भूल न जाए, इसलिए इस पुस्तक दिवस पर अपने किसी एक प्रियजन को एक पुस्तक अवश्य भेंट करें।