वाराणसी. भोजपुरी फिल्म स्टार और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का आज जन्मदिन है। अपनी मेहनत के बल पर उन्होंने संगीत, अभिनय और राजनीति के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया। उन्होंने वाराणसी के शीतला घाट और अर्दली बाजार स्थित महावीर मंदिर से ही अपने संगीत जीवन की शुरुआत की थी। एक बार महावीर मंदिर के एक कार्यक्रम में उन्हें गाने की प्रस्तुति देनी थी। गाना गाते समय उनके माथे से खून निकलने लगा था। बावजूद इसके वह नहीं रूके और पूरी रात गाते रहे। कार्यक्रम खत्म होने के बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया। वहां उनका इलाज हुआ।
रविवार को मनोज तिवारी के जन्मदिन के मौके पर dainikbhaskar.com ने उनके खास दोस्तों से बातचीत की। इस दौरान हमने भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार से जुड़ी कई दिलचस्प बातों को जाना। उनके बीएचयू के दोस्त रत्नाकर त्रिपाठी ने बताया कि मनोज तिवारी साल 1987-88 में सोशल साइंस के स्टूडेंट थे। उनकी रूचि खेलों में भी थी। वह एक बेहतरीन क्रिकेटर भी थे।
नागपंचमी पर चलता था जगराता
उनके करीबी अजय चौबे ने बताया 1993-94 में सावन के समय नागपंचमी के दिन महावीर मंदिर पर जगराता चल रहा था। हर साल की तरह मनोज तिवारी गीत प्रस्तुत करने स्टेज पर आए। उनके सिर में चोट लगी थी और खून बहने लगा था। हम सबने उसे गान रोकने के लिए कहा, लेकिन मनोज पर धुन सवार थी। वह नहीं रूके और अंत तक गाते रहे। अजय के मुताबिक, इसी दिन के बाद से उनके पास फिल्मों में गाने के कई ऑफर आने लगे।
शीतला घाट से चमकी किस्मत
शीतला मंदिर के छोटे पुजारी दिनेश ने बताया कि 1991 में गंगा आरती शुरू हुई थी। पहली बार भोजपुरी गायक मनोज तिवारी को प्रस्तुति के लिए बुलाया गया। उस समय उनको कोई प्लेटफार्म नहीं मिला था। साल 1995 में उन्हें छोटे-मोटे कार्यक्रमों के ऑफर आने लगे। उसी समय उनका एलबम शीतला घाट पे काशी में का गीत ''बाड़ी शेर पर सवार'', मार्केट में आया। इसने काफी लोकप्रियता बटोरी। इसके बाद शीतला मां की कृपा से मनोज को भक्ति एलबमों के कई ऑफर मिले। ऐसे में वह हर साल शीतला घाट पर होने वाले महोत्सव में जरूर आते हैं।